गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को जरूर करवाने चाहिए ये 3 टेस्ट, एक्सपर्ट से जानें क्यों जरूरी हैं ये टेस्ट
Women Should Get these 3 Tests Done During Pregnancy Know All About Here
3 Tests Done During Pregnancy :गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य में कई बदलाव आते हैं, इसलिए नियमित निगरानी महत्वपूर्ण हो जाती है। प्रसव पूर्व सूजन जैसी गंभीर स्थिति को रोकने के लिए उचित जांच और संतुलित आहार आवश्यक है। भारतीय महिलाओं में एनीमिया एक आम समस्या है, जो गर्भावस्था के दौरान संभावित जोखिम पैदा करती है। इसलिए नियमित जांच और उपचार की उचित देखभाल आवश्यक हो जाती है।
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फोर्टिस अस्पताल, ग्रेटर नोएडा में प्रसूति एवं स्त्री रोग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. सोनाली गुप्ता सलाह देती हैं कि प्रसव पूर्व परीक्षणों में रक्त परीक्षण और अल्ट्रासाउंड शामिल हों। रक्त परीक्षण में हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, एचआईवी और थायरॉयड विकारों के साथ-साथ रक्त कोशिका गणना और वायरल मार्करों की जांच शामिल है।
मधुमेह की जांच के लिए गर्भावस्था के दौरान दो बार ग्लूकोज चैलेंज परीक्षण किया जाता है। विभिन्न चरणों में किए जाने वाले अल्ट्रासाउंड माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
अल्ट्रासाउंड और रक्त परीक्षण निम्नानुसार निर्धारित हैं:
1. पहली तिमाही का अल्ट्रासाउंड (11-13 सप्ताह): भ्रूण के विकास, नाल की स्थिति और एमनियोटिक द्रव के स्तर का आकलन करना।
2. लेवल 2 अल्ट्रासाउंड (19-20 सप्ताह): भ्रूण की वृद्धि समस्याओं का पता लगाना।
3. स्तर 3 अल्ट्रासाउंड (लगभग 32 सप्ताह): भ्रूण के अंग विकास और शारीरिक संरचना का आकलन। इसके अलावा, रोगी की स्थिति के आधार पर समय-समय पर रक्त परीक्षण भी किया जाता है।
ग्रेटर नोएडा के फोर्टिस अस्पताल के अतिरिक्त निदेशक डाॅ. राखी गुप्ता गर्भवती महिलाओं के लिए रेनबो डाइट की सलाह देती हैं। संतुलित सेवन सुनिश्चित करने के लिए इस आहार में विभिन्न रंगों के खाद्य पदार्थ शामिल हैं। दालें, गुड़, पत्तेदार सब्जियाँ, सब्जियाँ और मौसमी फल जैसी चीज़ें शामिल करने से मां के पोषण में वृद्धि होती है। गर्भावस्था के दौरान उचित पोषण की उपेक्षा करने से मां और बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है।